Thursday, November 1, 2012

कुंदन


वही मनुज है जो कंटक पथ पर,
चलकर भी राह बनाए.
और प्रबलता मिलती उसको,
जो पीड़ित के हित मार्ग सुझाए.
कष्ट, आतप, पत्थर, पानी,
संघर्षों कि यही कहानी,
इनमे से जो तपकर आता,
जग में वो कुंदन कहलाता.

 © सुशील मिश्र.

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