सही रास्ता
नदी ही समन्दर का है
रास्ता,
हवा ही बवंडर का है
रास्ता.
खिलाफत पे दुनिया
उतारू अगर है,
समझ लो मुकद्दस है ये
रास्ता.
बढ़े जा अकेले जो
अच्छा है दिल से,
वही तूफां झेले जो
सच्चा है दिल से.
यही रीत है, और
दस्तूर भी है,
बेख़ौफ़ नज़रें मिलाये
जो कातिल से.
है छोटा बहुत पर असर
भी बहुत है,
मदद की न दरकार उसको
फ़कत है.
चमकता है जो खुद की
रोशनी से,
जुगनू को लाज़िम ना
कोई मदद है.
अन्धेरा जिसे देखकर
भागता है,
सवेरा जिसे देखकर जागता
है.
है उम्मीद की वो ऐसी
ललक,
की सूरज भी जिससे
किरण मांगता है.
मोहब्बत का बदला
मोहब्बत से जो दे,
अदावत का बदला अदावत
से जो दे.
वतन को ज़रुरत है ऐसे
जिगर की,
हूकूमत का बदला
हूकूमत से जो दे.
नदी ही समन्दर का है
रास्ता,
हवा ही बवंडर का है
रास्ता.
खिलाफत पे दुनिया
उतारू अगर है,
समझ लो मुकद्दस है ये
रास्ता.
© सुशील
मिश्र.
25/04/2014