दीपोत्सव
अंधेरा छटेगा दीपक जलेगा,
नई आस का फिर उजाला दिखेगा.
कठिन राह आसान होती दिखेगी,
उम्मीद का दिया देखो फिर से जलेगा.
बुराई का सम्बल ठहरा बहुत है,
उम्मीदों पे भी देखो पहरा बहुत है.
मगर रोशनी गर जलाएं दिलों में,
सच का समन्दर गहरा बहुत है.
उजाले का उत्सव खुशी से मनायें,
बच्चों को विद्या का दीपक दिखाएँ.
रोशनी से जगमग आँगन हो सबका,
दीपोत्सव की सबको मंगलकामनाए.
© सुशील मिश्र.
10/11/15
|
Yatharth means Reality and Drishtant means Opinion. The opinion which is based on reality is called YATHARTH DRISHTANT. Through this bolg i want to express my views about different sort of issues (politics, culture, society, literature, arts etc... ) in the form of poetry.
Wednesday, November 11, 2015
दीपोत्सव
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment