Saturday, October 27, 2012


एक दीपक खुद में जला के रखना ज़रूरी है,
सूरज तो सशंकित आसमानों की तिजोरी है,
रास्ते निगाह में बसा के रखें या ना रखें,
मगर काँटों भरी राह में चलने के लिए ,
               दिल में हौसला बहुत ज़रूरी है.
               दिल में हौसला बहुत ज़रूरी है.

© सुशील मिश्र.

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