सीमित में असीमित
सीमित शब्दों के वर्तन से,
जो भी असीमित भाव जगाये.
असीमित भावों के परिचालन से,
जन जन के मन को जो भाये.
जन जन के मन ने जो छेड़े,
संवर्धन के पुष्प सलोने.
संवर्धित उन पुष्पदलों से,
आओ हम जग को महकाएँ.
आओ हम जग को
महकाएँ,
उन संवर्धित
पुष्पदलों से.
जिन संवर्धित
पुष्पदलों का,
नाता है जन जन के मन से.
जन जन के मन को जो
कर दे,
असीमित भावों से
सुरभित.
सुरभित
भावों की असीमितता,
वर्णित कर दें सीमित शब्दों से.
© सुशील मिश्र.
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